हेलो दोस्तों मेरा नाम अमित कुमार है। मैं उत्तर प्रदेश बहराइच से बिलॉन्ग करता हूं। आज मैं आपको अपने बिजनेस प्लान के बारे में बताने वाला हूं। मैं रोजाना के ₹2000 कैसे कमाता हूं। और काम क्या करता हूं। Mobile repair karna kaise sikhe. दोस्तों मेरे इस बिजनेस को करने के लिए आपको ज्यादा बजट की आवश्यकता नहीं है। लेकिन ज्यादा दिमाग की आवश्यकता है। क्योंकि मैं जो काम करता हूं वह टेक्निकल काम है। मैं मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता हूं।
आज के समय में मोबाइल आपको हर घर में देखने को मिलेंगे। और इतना ही नहीं हर घर में जितने आदमी हैं। उतने मोबाइल फोन देखने को मिलेंगे। ऐसे में जब उनके फोन में कोई प्रॉब्लम आती है। कोई समस्या आती है। तो वह सर्विस सेंटर जाने के बजाय अपने नजदीकी रिपेयर सेंटर में दिखाते हैं। क्योंकि सर्विस सेंटर उनकी एरिया से काफी दूर होता है। इसलिए वहां जाना उचित नहीं समझते।
इसीलिए वह सबसे पहले मोबाइल रिपेयरिंग शॉप पर जाते हैं। वहां पर उसकी समस्या को सॉल्व करवाते हैं। ऐसे में मोबाइल के यूजर्स की अगर बात करें तो इंडिया में 140 करोड़ से भी ज्यादा मोबाइल यूजर हैं। जिनके फोन में कोई ना कोई परेशानी हमेशा आती रहती है। आप जिस भी एरिया में मोबाइल रिपेयरिंग की शॉप खोलेंगे। यूजर्स वहां पर आपको ढूंढ ढूंढ कर आएंगे। और आपसे काम करवाएंगे।
Mobile repair karna kaise sikhe-
अब आप सोच रहे हो होंगे हमारे एरिया में दो चार लोग पहले से बैठे मोबाइल रिपेयरिंग का काम कर रहे हैं। तो इसमें हमारा कंपटीशन हो जाएगा। और हमारे पास कस्टमर नहीं आएंगे। दोस्तों आपकी ऐसी सोच अगर है तो आप कभी भी बिजनेस नहीं कर पाएंगे। क्योंकि हर एक बिजनेस में पहले से काफी ज्यादा कंपटीशन वाले लोग बैठे होते हैं।
इस चीज को इग्नोर करते हुए आपको अपना बिजनेस शुरू करना है। फिर भी अगर आप इस चीज को लेकर चिंता कर रहे हैं तो मैं आपको लास्ट में एक ऐसा पॉइंट बताऊंगा। जिसको आप पढ़कर कंपटीशन वाली चिंता को हमेशा के लिए भूल जाएंगे। चलिए मैं आपको बताता हूं कि मोबाइल रिपेयरिंग शॉप की दुकान कैसे खोलनी है। और क्या–क्या जरूरी चीज होनी चाहिए।
मोबाइल रिपेयरिंग ट्रेनिंग
दोस्तों सबसे पहले अपनी एरिया के किसी एक शॉप पर जाना है। और वहां 5 से 6 महीने या 1 साल तक मोबाइल रिपेयरिंग की ट्रेनिंग लेनी है। यह ट्रेनिंग पेड भी हो सकती है। आपसे कुछ ट्रेनिंग देने वाला पैसे भी ले सकता है। अगर पैसे नहीं ले रहा है तो इसमें भी फायदा होने वाला है। वैसे ज्यादातर लोग जहां पर मोबाइल सीखते हैं। ट्रेनिंग देते हैं। उसकी कुछ फीस लेते हैं। और चार्ज करते हैं। तो सबसे पहले आपको मोबाइल रिपेयरिंग की ट्रेनिंग लेनी है। उसके बाद शॉप खोलनी है।
मोबाइल रिपेयर की दुकान
दोस्तों सबसे पहले मोबाइल रिपेयर की दुकान का एक जुगाड़ बनाना है। उस एरिया में जहां पर लोग आते जाते हो। और मार्केट लगती हो। मोबाइल रिपेयर की दुकान आप लोहे की भी बनवा सकते हैं। या फिर अगर आप किसी बिल्डिंग या मार्केट में मिल रही है तो वहां पर ले लीजिए। अगर आपके पास बजट नहीं है अपनी खुद की दुकान बनवाने के लिए तो आप किराए से दुकान भी ले सकते हैं।
दुकान में आवश्यक फर्नीचर
दोस्तों दुकान में आवश्यक फर्नीचर भी लगवाना बहुत जरूरी होता है। दुकान की मॉडलिंग आप एक अच्छे फर्नीचर वाले व्यक्ति से बनवाकर उसकी फर्नीचर की व्यवस्था करें। इसमें आपका कुछ खर्चा आएगा। कोशिश करें सस्ता फर्नीचर ही खरीदें। क्योंकि मोबाइल रिपेयरिंग में आपको ज्यादा फर्नीचर और भारी सामान की आवश्यकता नहीं होती है।
मोबाइल रिपेयरिंग आवश्यक टूल
जब आप मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर ट्रेनिंग के लिए जाएंगे तो वहां पर आपको वह सारे टूल देखने हैं। और समझने हैं। और अपनी डायरी में नोट करने हैं। जो की एक मोबाइल रिपेयर करते हुए आपको चाहिए। मोबाइल रिपेयरिंग के लिए कई सारे टूल का इस्तेमाल किया जाता है। और मशीन का भी उपयोग किया जाता है। कई सारी मशीन ऐसी हैं जो लाखों में आती हैं। लेकिन सबसे पहले आपके छोटे टूल्स और छोटी मशीन के साथ में छोटे मोबाइल की रिपेयरिंग करते हुए अपने बिजनेस को आगे लेकर जाना है। फिर बड़े लेवल पर करना है।
मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान में आवश्यक सामान
दोस्तों अपने मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान में आपको मोबाइल रिपेयरिंग के साथ में उसका स्पेयर पार्ट और मोबाइल एसेसरीज के सारे प्रोडक्ट रखने की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए भी आपके पास बजट होना चाहिए। क्योंकि अगर आप सिर्फ रिपेयरिंग का काम करेंगे तो वहां से हो सकता है शुरुआती दौर में आपको काफी कठिनाई का सामना करना पड़े। और आपकी अच्छी इनकम ना हो पाए। इसलिए आप कुछ प्रोडक्ट सेलिंग वाले भी रखिए। ताकि अगर आपके पास शुरुआती दौर में मोबाइल रिपेयरिंग का काम ना आए तो आप उन प्रोडक्ट को बेचकर भी अपना खर्चा चला सके।
मोबाइल रिपेयर की दुकान में लागत
दोस्तों अगर इस बिजनेस में लागत की बात करें। अगर आप मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान खोलते हैं तो आपको हर एक मशीन लेने की आवश्यकता पड़ेगी। हर एक टूल आपके पास होना चाहिए। ऐसे में अगर सारी मशीन और टूल खरीदने हैं। तो आपको लगभग एक से डेढ़ लाख रुपए का खर्च आने वाला है। वहीं पर अगर आप सेलिंग का भी सामान भरते हैं।
तो ऐसे में आपके पास दो से ढाई लाख रुपये या 3 लाख रुपए होने चाहिए। तब आप एक प्रोफेशनल और प्रीमियम लुक में अपनी मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान खोल पाएंगे। अगर आप छोटे लेवल 40 से 50 हजार में शुरू करना चाहते हैं। तो आप थोड़ा–थोड़ा सामान भरिए। और कुछ जरूरी टूल खरीद लीजिए। बस दुकान शुरू कर दीजिए। बाकी आपका जब मुनाफा आने लगे कस्टमर बन जाए तब आप सामान को बढ़ा दीजिए।
मोबाइल रिपेयरिंग में मुनाफा
दोस्तों मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान में मुनाफे की कोई लिमिट नहीं है। इसमें आप लाखों रुपए महीने के भी कमा सकते हैं। अगर आपका कस्टमर बेस अच्छा हो जाता है। शुरुआती दौर में आपको परेशानी हो सकती है। मोबाइल रिपेयर करके आप 50% का मुनाफा बड़ी आसानी से कमा सकते हैं। यानी अगर कोई भी मोबाइल में स्पेयर पार्ट डालते हैं। जिसकी कीमत ₹500 है। तो कस्टमर से बड़ी आसानी से ₹900, ₹1000 चार्ज कर सकते हैं।
Mobile repair karna kaise sikhe- सारांश
आने वाले समय में मोबाइल रिपेयरिंग का काम ट्रेडिंग पर होने वाला है। और यह बिजनेस सालों साल चलने वाला है। लेकिन मैं आपको बताता हूं कि अपने कंपीटीटर को कैसे खत्म करना है। और उसके कस्टमर अपने पास कैसे लेकर आने हैं। दोस्तों इसके लिए आपको क्वालिटी का काम करना पड़ेगा। और अपने कस्टमर का विश्वास जीतना पड़ेगा।
इसलिए जो भी कस्टमर आपके पास सबसे पहले आता है। तो आप उसकी क्वालिटी का काम करें। और अच्छे से काम करें। सबसे पहले जो कस्टमर आता है। अच्छी तरीके से बात करें। और उससे पैसे कम चार्ज ले। यानी अपना मार्जिन थोड़ा काम ले। उसके बाद धीरे–धीरे जब आपके पास कस्टमर बेस बन जाए तो आप इस मार्जिन को बढ़ा सकते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस लेख में मैंने बताया है मोबाइल रिपेयरिंग का काम कैसे करना है। और इसके बिजनेस के बारे में। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों को भी शेयर कर दें। ताकि उनके भी कुछ आर्थिक रूप से मदद हो सके।